७. जंगलों में - कल्पना रामानी
-
सोच में डूबा हुआ मन
जब उतरता जंगलों में।
वे हरे जीवन भरे दिन
याद करता जंगलों में।
कल जहाँ तरुवर खड़े थे
ठूँठ दिखते उस जगह।
रात रहती है वहाँ केवल
नहीं...
गणतंत्र दिवस, 2010
-
फतेहपुरसीकरी से लगभग तीन किमी. आगे भरतपुर रोड पर बायें हाथ पर हाईवे से लगा
हुआ रसूलपुर गाँव है, अरावली श्रंखला की पहाडियों की तलहटी में. वहां के लोगों
को न...
-
पवन तूफान युवा कवि और पत्रकार
मुझे आज ब्लाग जगत को यह सूचना देते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है कि अपने साथी और
अनुज पवन तूफ़ान को एक पत्रकार के रूप मे मात्र सत्ताइ...
गीत
-
*प्यार का रंग नहीं बदलाबदलते लोग रहे. *
*वो चाहत वो बातेंवो सावन की रातेंपल पल यूँ ही काटें.कैसे जिया को बांटें.
प्यार का रंग नहीं बदलाबदलते ल...